तुम मुस्कुराए तो, मौसम बहारों के चले आये

हमकदम बने तो, वक्त बदलने लगा

आओ इक बार फिर हाथों मे हाथ ले, सपने संवारे

कल वक्त मिला था खुदसे मिलने का एक अर्से बाद खुदसे गुफ्तगू की कई बातें जो ज़ुबां पे ठहरीं थी उनको सुनने का मौका मिला

मनोदशा

उड़ चला मन फिर उन्ही गलियारों में, चल रे बावरे दिल तू भी तो दौड़, ढूंढ किसी अनकही कहानी को, आँखों मे फिर तैरने लगा सपना कोई, तुमको फिर पहले सा ढूंढता

चाहत

गहरा प्यार लिखना चाहते हैं

उतर कर सीने मे

आँखों में जो आंसू लादे

वो दर्द लिखना चाहते हैं

जन्म-जन्मांतर बितादे इंतज़ार मे

वो तड़प लिखना चाहते हैं

बनकर जो टीस उतर जाये दिल मे

वो अफ़साना लिखना चाहते हैं

 

ज़िन्दगी को संभाल कर रखना


ज़िन्दगी को संभाल कर रखना
ये मेरी फितरत नही
किनारे खड़े जहाज़
डूब जाया करते हैं
मैं तो फिर इसां हूँ
एक बार जो डूबा
तो कहाँ ये खूबसूरत मौके
जो है वक्त अभी
मेरे हिस्से मे है
ज़िन्दगी की शाम ढले
फिर कब हुए हैं सवेरे
ज़िन्दगी बस इतनी ही संभालो
के जी सको जी भर कर