तुम आ भी जाओ अगर मेरी बस्ती में
सिवा अंधेरों और बेचैनियों के कुछ न मिलेगा
हर मोड़ पर यहां दिल टूटने की खनक
हर गली में टूटे अरमानों की चीख सुनाई देगी
सहमे से कुछ सपने भी वहीं कहीं दुबके मिलेंगे
सांसें तुमको अपना ही नाम जपते मिलेंगी
तुम आ भी जाओ अगर मेरी बस्ती में
सिवा अंधेरों और बेचैनियों के कुछ न मिलेगा
हर मोड़ पर यहां दिल टूटने की खनक
हर गली में टूटे अरमानों की चीख सुनाई देगी
सहमे से कुछ सपने भी वहीं कहीं दुबके मिलेंगे
सांसें तुमको अपना ही नाम जपते मिलेंगी