मन भर आता है कभी और कुछ नहीं बस गले लगा लिया करो
कभी छलक भी जायें आंसू तो और कुछ नहीं मुस्कुराहट अपनी हमारे नाम किया करो
दिल का दर्द है हर किसी को दिखाया नहीं जाता
मन का अंतरद्वन्द है आपसे जताया भी नहीं जाता
दर्द है ऐसा के बताएं तो बताया भी नहीं जाता
अंधेरों में भटकते रहते हैं रौशनी की तलाश में
सांसों की खिर्चन बाकी है अब भी इस लाश में

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