ढूंढा है मैंने तुमको गीतों में ग़ज़लों में
मिले हो तुम अक्सर भंवरो की गुंजन में
ख़्वाबों में खोयी रही मै बने जिनकी तुम ताबीर
बंध गए दोनों एक रिश्ते में मान के उसकी तदबीर
वक़्त है के गुज़रता नहीं तुम बिन  तक़दीर में लिखी है दूरियां
आज तक न समझ सके हम तुम्हारे दिल की ये मजबूरियाँ

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